
हरदा न्यायालय का फैसला
हरदा । बहुचर्चित दुर्गेश जाट लापता मामले में हरदा की न्यायालय ने बुधवार को पूर्व राजस्व मंत्री और हरदा विधायक कमल पटेल को दोषमुक्त कर दिया है। दोषमुक्त होने के बाद श्री पटेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा था कि उन्हें न्याय मिलेगा। इस दौरान सुबह 11 बजे से ही न्यायालय परिसर में गहमागहमी बनी रही। लंबे इंतजार के बाद शाम को 5 बजे फैसला सुनाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल भी मौजूद था।
विधायक श्री पटेल के अधिवक्ता राधाकिशन यादव ने बताया कि प्रथम अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रामप्रसाद सोलंकी द्वारा श्री पटेल को दुर्गेश जाट लापता मामले में दोषमुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि विधायक श्री पटेल राजनैतिक षड़यंत्र का शिकार हो गए। साथ ही सीबीआई का दुरूपयोग भी किया गया। न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करने के बाद यह सिद्ध हो गया कि न्यायालय ने दुध का दुध और पानी का पानी कर दिया है। इस दौरान सीबीआई की तरफ से भी अधिवक्ता उपस्थित थे।
बोझ उतर गया
श्री पटेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि न्याय के मंदिर में न्याय मिलने के बाद उन्हें हल्कापन लग रहा है। उन पर जो बोझ था, वह उतर गया। श्री पटेल का कहना था कि उन्हें न्यायालय पर पुरा भरोसा था। पिछले चार चुनावों में जनता द्वारा उन्हें जो आर्शीवाद मिला है। उससे स्पष्ट है कि जनता उन्हें कितना चाहती है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार 5 मार्च 2008 को ग्राम देवतलाव में हुए गोलीकांड के बाद से दुर्गेश पिता रामविलास जाट गायब है। दुर्गेश के पिता के आवेदन पर उच्चन्यायालय ने सीबीआई को मामले की जाँच सौंपी। जिसमें तत्कालीन राजस्व मंत्री और विधायक कमल पटेल का नाम शामिल होने बाद मामला हाई प्रोफाईल हो गया। इस मामले में सीबीआई द्वारा श्री पटेल सहित 9 आरोपी बनाए गए। इंदौर की सीबीआई अदालत में मामले की सुनवाई भी हुई और जनवरी 2011 में मामला हरदा की अदालत में स्थानांतरित किया गया। सीबीआई ने 20 मई 2010 को विधायक श्री पटेल को भोपाल स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था बाद में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया। मामले में सीबीआई ने कमल पटेल को भी आरोपी बनाया था, लेकिन सीबीआई द्वारा लिए गए बयानों और गुमशुदा व्यक्ति दुर्गेश जाट के परिजनों के बयानों में विसंगतियां पाई गई। कोर्ट ने तमाम तथ्यों के आधार पर पटेल को दोषमुक्त माना है। उल्लेखनीय है कि पटेल पर धारा 304(2), 307, 120 बी, 201 तथा 34 के आरोप थे। साथ ही इस मामले के सभी
हाईकोर्ट जाएंगे
न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई के अधिवक्ता एएचखान ने कहा कि उन्होंने अभी आदेश पड़ा नहीं, लेकिन वह आदेश के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय जाएंगे।
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