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लोमेश कुमार गौर
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Monday, August 22, 2011

मरने के बाद किस पाप की कौन सी सजा मिलती है?

कहते हैं पापों का फल व्यक्ति या तो दु:ख के रूप में भोगता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में पाप कर्म करता है उनका प्रायश्चित न करने पर उन्हें इस लोक में या यमलोक में भुगतना पड़ता है। कुछ लोग जिसे पाप मानते हैं, दूसरे उसे ही उचित या सही ठहरा देते हैं। जो बात किसी के लिये उसका कर्तव्य और धर्म है वह किसी के लिये घोर पाप या नीच कृत्य हो सकता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार जिन कर्मों को पाप माना गया है उसकी सजा उसे अपनी मृत्यु के बाद मिलती है। किस पाप की क्या सजा मिलती है। इसका वर्णन गरूड़ पुराण में कुछ इस प्रकार दिया हुआ है।
गरुड़ जी बोले- भगवान जीवों को उनके कौन से पाप कौन सी सजा मिलती है। वे किन अगला जन्म किस रूप में लेते हैं व भी बताइए। भगवान कहते हैं गरूड़ ध्यान से सुनो-

ब्रह्महत्या करने वाला क्षयरोगी।

गाय की हत्या करने वाले कुबड़ा।

कन्या की हत्या करने वाला कोढ़ी।
 
स्त्री पर हाथ उठाने वाला रोगी।

परस्त्री गमन करने वाला नपुंसक।

गुरूपत्नी सेवन से खराब शरीर वाला।

मांस खाने व मदिरा पीने वाले के दांत क ाले व अंग लाल होते हैं ।

दूसरे को न देकर अकेले मिठाई खाने वाले को गले का रोगी।

घमंड से गुरू का अपमान करने वाले को मिरगी।

झुठी गवाही देने वाला गंूगा।।

किताब चोरी करने वाला जन्मांध।

झूठ बोलने वाला बहरा।

जहर देने वाला मूर्ख पागल होता ह।

अन्न चोरी करने वाला चूहा।

परफ्युम की चोरी करने वाले छछुंदर।

जहर पीकर मरन वाले क वाले सांप।

किसी की आज्ञा नहीं मानते वे निर्जन वन में हाथी होते हैं।

ब्राह्मण गायत्री जप नहीं करते वे अगले जन्म में बगुला होते हैं।

पति को बुरा-भला कहने वाली जूं बनती है।

परपुरूष की कामना रखने वाली स्त्री चमगदड़ी बनती है।

मृतक के ग्यारहवे में भोजन करने वाला कुत्ता बनता है।

मित्र की पत्नी से मोह रखने वाले गधा बनता है

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