कार्यशाला में बोले वरिष्ठ पत्रकार कैलाश पंत
हरदा । शास्त्रों में शब्द को ब्रम्ह का पर्यायवाची बताया गया है। पत्रकारगण जब शब्दों का प्रयोग करे तो इस तथ्य को सदैव ध्यान मे रखें । शब्दों की सत्ता को समझें, इसे जीवन में आत्मसात करें तभी खबरें प्रभावी होगी।

खबरें सनसनी नही बने
इसी प्रकार पत्रकार शरद द्विवेदी ने कहा कि पत्रकार की विश्वसनीयता ही उसकी ताकत है, इसकी रक्षा जरूरी है। ताकत के साथ विनम्रता भी आवश्यक है वरना ताकत बेलगाम हो जाती है। हर व्यक्ति का अपना आत्म सम्मान होता है। इस पर ठेस नही पंहुचानी चाहिए। उनका कहना था कि मामले सदैव विनम्रता पूर्वक संवाद से ही सुलझते है। पत्रकारों से लोग डरने लगे तो न केवल खबरों से वंंचित रह जायेगे वरन समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी सही निर्वहन नही हो पायेगा। उन्होंने अपेक्षा की है कि खबरें सनसनी नही बने, उनमें केवल नकारात्मकता नही हो । जब भी किसी संस्थान के लिए रिर्पोटिंग करे तो संबंधित का बयान जरूर छापे इससे संतुलन तो बनेगा ही साथ खबर पर एक तरफा रिर्पोटिंग का आरोप भी नही लगेगा। अध्ययन शीलता के साथ ही आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल में पारंगत होना भी अहम है। अपने तौर तरीके में पारदर्शिता रखें। सीखना सतत् प्रकिया होनी चाहिए। जिज्ञासा सदैव मन में होना चाहिए। खबरों के पीछे पूर्वाग्रह नजर नही आना चाहिए। वक्ताओं ने समाज की सकारात्मक खबरों की रिर्पोटिंग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाज की अच्छी बातों को लोगों के समक्ष लावे ताकि यह लोगों के लिए प्रेरणादायी हो ।
कार्यशाला में अपर संचालक जनसम्पर्क रज्जू राय ने सामाजिक बदलाव को रेखांकित करने वाली पत्रकारिता करने पर बल दिया। इस दौरान कलेक्टर रेनु पंत ने कहा कि खबरों का असर आज भी होता है। सुबह की शुरूआत अखबार से ही होती है। प्रशासन अखबार की खबरों को लेकर संवेदनशील रहता है। इसका उदाहरण हरदा जिले के पत्रकार बखुबी समझ सकते हैं क्योंकि खबरों पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित प्रभावी कार्रवाई की जाती है।
इससे पहले जनसम्पर्क अधिकारी विठ्ठल माहेश्वरी ने स्वागत भाषण दिया। आभार जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएन शर्मा ने व्यक्त किया। इस दौरान जनसम्पर्क उपसंचालक सीके सिसोदिया सहित जिले के अनेक पत्रकारगण मौजूद थे।
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