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लोमेश कुमार गौर
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धर्म की खबरें


कैसे होता है आत्मा का पुनर्जन्म?

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार जीव को बार-बार जन्म लेना पड़ता है। अपने पिछले जन्म के कर्मों का फल तो वह नर्क की यातनाओं से भोगता है और कुछ उसे अपने अगले जन्म में भोगना पड़ते हैं। इस बारे में ज्योतिष शास्त्र का अपना अलग मत है। 
गरूड़ पुराण के अनुसार जीव पहला शरीर छोडऩे के बाद पहले अपने कर्मों के अनुसार फल भोगता है। उसे तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं। कई वर्षों तक नारकीय यातनाओं के बाद उसे फिर जन्म दिया जाता है। वह अपने कर्मों के अनुसार ही स्वर्ग भी पाता है। यहां स्वर्ग की भी कई श्रेणियां मानी गई हैं। जिसमें से मध्यम श्रेणी के स्वर्ग का अधिपति इंद्र को माना गया है। इससे भी ऊंचे स्वर्ग माने गए हैं। अच्छे कर्मों के कारण जीवों को यहां सुख भोगने को मिलता है। सुख भोगने के बाद भी उसकी अवधि समाप्त होने पर उस जीव को दोबारा जन्म लेना पड़ता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र का विचार थोड़ा ज्यादा तर्कसंगत और वैज्ञानिक है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि कोई भी जीव दूसरा जन्म तब लेता है जब उसके पूर्व जन्म के कर्मफल के अनुसार ग्रह दशाएं बनती हैं। तब वह जीव अपनी माता के गर्भ में आता है और फिर वैसे ही मिलते-जुलते ग्रह नक्षत्रों में वह जन्म भी लेता है। इसकी कोई अवधि निश्चित नहीं होती है। इसमें सदियां भी लग सकती हैं। 

कितनी तरह की होती है मृत्यु?

ग्रंथों ने मृत्यु को भी अलग-अलग माना है। हमारे कर्मों के अनुसार ही हमें वैसी मौत मिलती है। ग्रंथों ने मृत्यु के १०१ प्रकार माने हैं। इसमें से प्रमुख है इंद्रिय मृत्यु (इंद्रियों का कार्य करना बंद हो जाना। जैसे कोमा), हत्या, दुर्घटना, क्रोध, स्वहत्या (आत्म हत्या), काम, क्रोध, मोह, काल मृत्यु, कर्म मृत्यु अािद मुख्य हैं। इन मृत्युओं के बारे में वेदों की तीन शाखाओं में उल्लेख मिलता है कठोपनिषद, मैत्रायणी और कपिष्ठय में मिलता है।

रोज बोलें यह मंत्र, नहीं होगी पैसों की कमी


वे लोग जिन्हें धन का अभाव है उनके लिए धनवान होना किसी सपने से कम नहीं है। वे सोते-जागते, उठते-बैठते यही सोचते हैं कि किस तरह धनवान बना जाए। अगर आप सचमुच धनवान बनना चाहते हैं तो मेहनत व लगन के साथ काम करते हुए नीचे लिखे मंत्र का जप रोज करें। आपकी धन संबंधी हर समस्या दूर हो जाएगी।
मंत्र
कराग्रे बसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।
कर मूले ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।
जप विधि
सुबह उठते ही सबसे पहले अपने दोनों हथेलियो को मिलाएं और उनकी और देखते हुए यह मंत्र बोलें। इसके बाद हथेलियों को चूमें व भगवान से सफलता की कामना करें।




जॉब के लिए परेशान हैं तो यह उपाय करें

वर्तमान समय में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। नौकरी न होने के कारण न तो समाज में मान-सम्मान मिलता है और न ही घर-परिवार में। यदि आप भी बेरोजगार हैं और बहुत प्रयत्न करने पर भी रोजगार नहीं मिल रहा है तो निराश होने की कोई जरुरत नहीं है। कुछ साधारण तांत्रिक उपाय कर आप रोजगार पा सकते हैं।
- शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर सवा किलो मोतीचूर के लड्डुओं का भोग लगाएं। घी का दीपक जलाएं और मंदिर में ही बैठकर लाल चंदन की या मूंगा की माला से 108 बार नीचे लिखे मंत्र का जप करें-
कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होय तात तुम पाहिं।।
इसके बाद 40 दिनों तक रोज अपने घर के मंदिर में इस मंत्र का जप 108 बार करें। 40 दिनों के अंदर ही आपको रोजगार मिलेगा।
- शनैश्चरी अमावस्या के दिन एक कागजी नींबू लें और शाम के समय उसके चार टुकड़े करके किसी चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंक दें। इसके प्रभाव से भी जल्दी ने बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी।
- मंगलवार से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सुबह के समय नंगे पैर हनुमानजी के मंदिर में जाएं और उन्हें लाल गुलाब के फूल चढ़ाएं। ऐसा करने से भी शीघ्र ही रोजगार मिलता है।
- इंटरव्यू में जाने से पहले लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का 11 बार जप करें-
ऊँ वक्रतुण्डाय हुं
जप से पूर्व भगवान गणेश की पूजा करें और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते हुए दूध से अभिषेक करें।


सावन: इस टोटके से हर काम में मिलेगी सफलता


सावन में किए गए टोटके बहुत ही प्रभावशाली होते हैं क्योंकि तंत्र के देवता शिव हैं और सावन का महीना भगवान शिव को विशेष प्रिय है। अगर आपका कोई काम नहीं बन रहा हैं या आप किसी विशेष काम के लिए जा रहे हैं और चाहते हैं कि आपका काम सफल हो जाए तो आप सावन के महीने में इस उपाय को अपनाकर अपने सारे कामों में शीघ्र सफलता पा सकते हैं।
टोटका
-  यह टोटका सावन महीने के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से करें।
- किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध की धार चढ़ाएं।
- मन ही मन ऊँ नम: शिवाय का जप करते हुए जिस कार्य के लिए आप जा रहे हैं, उसे पूर्ण करने की प्रार्थना करें। ध्यान रहे कि दूध की धार तब तक टूटनी नहीं चाहिए जब तक कि प्रार्थना पूर्ण न हो जाए।
- अंत में चंदन से शिवलिंग का पूजन कर सफेद रंग के प्रसाद के साथ पांच किशमिश, पांच पताशे व लौंग का जोड़ा चढ़ाएं। फिर हाथ जोड़कर घर आ जाए। आपको सफलता अवश्य मिलेगी।



धन प्राप्ति के लिए नागकेसर के टोटके
तांत्रिक क्रियाओं में अनेक वनस्पतियों का उपयोग भी किया जाता है। ऐसी ही एक वनस्पति है नागकेसर। तंत्र शास्त्र में नागकेसर को बहुत ही उपयोगी माना गया है। यह धन प्राप्ति, गृह क्लेश दूर करने तथा और भी कई तंत्र क्रियाओं में उपयोग की जाती है। नागकेसर के कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार है-
- चांदी की एक छोटी सी ढक्कन वाली डिबिया लें। इसमें नागकेसर व शहद भरकर शुक्ल पक्ष के शुक्रवार की रात को या अन्य किसी शुभ मुहूर्त में अपने गल्ले या तिजोरी में रख दें। आपकी धन में अचानक वृद्धि होने लगेगी।
- नागकेसर के फूल लेकर शुक्रवार के दिन पूजन के बाद एक कपड़े में लपेटकर अपनी दुकान के गल्ले या अपने ऑफिस के केश बॉक्स में रखें तो धन की आवक कभी कम नहीं होगी।
- अगर आपके घर में रोज क्लेश होता है तो नागकेसर का लेप बनाकर अपने माथे पर रोज उसका तिलक करें। इससे आपके घर में क्लेश नहीं होगा और शांति का वातावरण बन जाएगा।