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Monday, March 8, 2010

भ्रूण हत्याओं को रोकने के लिए महिलाओं को आगे आना पड़ेगा

 कई जगह हुए आयोजन
हरदा। अपने आसपास होने वाली भ्रूण हत्याओं को रोकने के लिए महिलाओं को आगे आना पड़ेगा। बालिकाओं को शालाओं में भेजने के लिए हेतु उनके माता पिता को समझाईश दें, तब ही अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।

यह बात महिला एवं बाल विकास के तत्वाधान अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष यामिनी मानकर ने कही। उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान बताई गई बातों को असल जिन्दगी मंे अमल लाना चाहिए। जिला सत्र न्यायाधीश जगदीश पाराशर ने कहा कि महिलाएं, महिलाओं के प्रति अपनी सोच में बदलाव करें। अक्सर देखने में आता है कि महिलाओं की प्रताडना हेतु पुरूष को उसके विरूद्व पे्ररित करने के पीछे महिला का ही हाथ होता है। स्वच्छ समाज के लिए यह स्थिति ठीक नही है। राष्ट्र की समुचित उन्नाति के लिए महिलाओं के प्रति समानता का व्यवहार जरूरी है।

भ्रूण हत्या रोकना होगा
कलेक्टर रेनु पंत ने कहा कि महिलाएं अपने भीतर अंर्तनिहित योग्यताओं को बढ़ाएं तथा अपने परिवार की बालिकाओं की योग्यता को बढ़ावा देने के समान अवसर दें। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सामाजिक आर्थिक उन्नति की परिचायक वहाँ की महिलाओं की स्थिति होती है। दुर्भाग्य की बात है कि बालिका भ्रूण हत्या की जा रही है, इसे रोकना होगा। संकल्प ले कि सब शिक्षित हों, स्वस्थ्य रहे, घ्ार से भेदभाव मिटायें। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपर्ेाट के अनुसार भारत में 87 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में खून की कमी पायी गई है। यह चिंतनीय विषय है। जब माता ही स्वस्थ्य नही होगी तो वह स्वस्थ्य संतान को कैसे जन्म दे सकती है। इस बदलाव के लिए महिला को शिक्षित होना जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि बालिकाओं को अवश्य ही स्कूल भेजंे। वैसे भी शासन द्वारा शिक्षा गारंटी अधिनियम लागू किया जा रहा है। समाज को चाहिए कि जो माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नही भेजते उनका बहिष्कार करें, क्योंकि समाज के सहयोग के बिना यह सम्भव नही हो सकता। उन्होंने अपेक्षा की कि पंचायत प्रतिनिधि बतौर चुनकर आयी 50 प्रतिशत महिलाये बदलाव की बहार बहायेगी। विशेष न्यायाधीश मीना अग्रवाल ने कहा कि लम्बे संघ्ार्ष के पश्चात महिलाओं को पुरूषों से स्वतंत्रता एंव सहयोग प्राप्त हुआ है ऐसे म महिलाओं को दायित्व है कि वे अपने कतर््ाव्य नही भूलें । व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक राजीव के पाल ने उपस्थित महिलाओं को घ्ारेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम पर विस्तार से जानकारी दी। समारोह मंे जिला विधिक सहायता प्राधिकरण सचिव विजेन्द्र सिंह सोलंकी , जपं अध्यक्ष रेखा बाई हिरे, जिपं सदस्य सुप्रिया अशोक पटेल उपस्थित थी।

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