हरदा। अजनाल नदी के तट स्थित शनि मंदिर अति प्राचीन मंदिर है। पूर्व में ओटले के रूप में होने के बाद भी यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता था।
लेकिन नगर के श्रृद्धालु बंशीधर कश्यप को पूजा अर्चना दौरान आवाज सुनाई दी कि वह इस मंदिर का जीर्णोद्धार करें। इसके बाद श्री कश्यप ने शनिदेव के ओटले को मंदिर का स्वरूप प्रदान किया है। यही कारण है कि हर शनिवार को श्रृद्धालु पूजन अर्चन करने पहुँचते हैं। उन्होंने बताया कि श्रृद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होने पर उनके द्वारा निर्माण में सहयोग दिया गया। ऐसी स्थिति में मंदिर का नाम सिद्ध शनि मंदिर हो गया है। श्री कश्यप के अनुसार वैसे तो भारत में जितने भी शनि मंदिर बने हैं उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर है, लेकिन हरदा का यह मंदिर पूर्व से ही उत्तर दिशा में है।
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